वैदेशिक रोजगारीसे श्रमशोषणमे परके लौटठै महिला
पहुरा | २५ आश्विन २०७८, सोमबार
प्रेम चौधरी
कैलाली, २५ कुवाँर । बनुवक किनारमे बनाइल छोटमोट झोपरी, बर्खाके बेला सद्दा टप–टप पानी चुहना घरेक छपरामे टिनके पाता लगैना, बालबच्चाके पालनपोषण, शिक्षा दिक्षामे सहयोग पुगैना सपनासे चिन्तादेवी वादीहे विदेशके गन्तव्यओर आर्कषण करल ।
घरेम गोसियक कमाई नइहुइलपाछे एकओर सद्दा कचकच, दुसर ओर गरिबीसे जीवन धाने नइसेक्ना बाध्यतासे समाजमे टिकी नइसेक्ना हुइलपाछे कैलालीके लम्की–चुहा नगरपालिका–३ बलचौरके ३५ बर्षिय चिन्तादेवीहे वैदेशिक रोजगारके लाग कुवेतओर डोर्याइल । और महिलाके जस्टे हैसियत बनैना हरप्रयास विफल हुइटी पाछे कुछ सिप नइचललपाछे सामाजिक भूमिकामे बाँचेक लाग बाध्यताबस दुई बर्षे दुधे बालकहे गोसियक जिम्मा लगाके तीनबर्ष आघे दलाल मार्फत भारतके डगर हुके चिन्तादेवी कुवेत पुगल रहिट ।
कञ्चनपुरके एक थापा थरके महिला अपनहे कुवेत पठैनाबेला ढेर रुपिया, सेवा, सुविधा, आराम रहठ कहलपाछे सदा आर्थिक अभावमे बाँचल चिन्तादेवी अब टे अपन सोचल सपना सकार हुइना हुइल कहिके मख्ख परटी कुवेत उरल बटैली ।
‘उहाँ पुगेबर आठ जानेक लाग खाना पकैना, घर सरसफाई कैना, लुगाकपडा धुइना लगायत घरेलु कामदारके रुपमे एक घरमे दैनिकी सुरु हुइल,’ चिन्तादेवी कहली–‘कुवेत जाके उहाँक भाषा, चालचलन, कानून, धर्मसंस्कृति, प्रणालीके बारेमा जानकारी नइहुके एक बर्षसम नइसोचल दुःख पैनु ।’
‘घर मालिक कुवेतके मासिक ८० रुप्या तलब तोकल । श्रमअनुसार भर खैना, बैठना सुविधा नइरहल, उल्टे कामके चाँपले ठेगे नइसेक्ना हुइल, उहाँ कहली ।’ नेपालके श्रमस्वीकृति विना अवैधढंगसे दलालमार्फत विदेश पुगल रहु, काम करेबेरके मासिक तलब, काम कैना समय ओ पैना सुविधाबारे कुछफे लिखित सहमति नइहुके सक्कु पीडा सहके जैसिक टैसिक काम करटी रहनु चिन्तादेवी कहली । पाछे काम अनुसार तलब डेहे नइसेक्लेसे महीहे घर लौटा डेउ वा अन्टे काम लगाडेउ कहलपाछे मालकीनीके उल्टे पिटाई खाई परल पिडा उहाँ सुनैली ।
मालिकाके छावा झन डारु पिके प्राय रातके अइना ओ ओकर लाग अबेर १२/१ बजेसम जागे पर्ना ओ फेर विहान अङगुटे उठके घरके काम करे परल भोगाई उहाँ सुनैली । एक बर्षसम जैसिक टैसिक काम करलपाछे मालकिनी ओ ओकर छावक व्यवहारसे उहाँ बैठे नइसेक्के भागे परल उहाँ बटैली । काम करल चार महिनाके तलब पैना टे कहाँ हो, झन नेपाल लौटेबेर अपनथेन रहल कुवेतके एक सय साठी रुपियाफे मालिका खोसल । मालिकाके घरसे भागके नेपाली दुताबास पुगेबेर अपनहे उहाँ सहयोग नइकरके उल्टे मालिकाहे फोन करके उहीसे पैसा खाके फेरर ओक्रे घर पुगाइल उहाँ दुःखेसो पोख्ली ।
दुसरा चो भागके एयरपोर्ट पुगेबेर वैदेशिक रोजगारसे नेपाल लौटटी रहल एक जाने थारु समुदायके समुदायके महिलाके सहयोगमे नेपालसम घर पुग्न सफल हुइल चिन्तादेवी बटैठी । ‘विदेश जैना आघे सचल सपना पुरा हुइना कहाँ हो कहाँ, घर पुगेबर फेर उहे खरहसे छाइल चुहना झुोपरी भेटाइल उहाँ बटैली, काम करके विदेशसे पठाइल आठ महिनाके तलब घरपरिवार पाल्नमे ठिक हुइल रहे उहाँ कहली ।’
गोसिया कुछ काम नइकरके घरेम बैठलपाछे गाउँक ढेर महिला वैदेशिक रोजगारमे जाई लागल डेखके चिन्तादेवी फेर ओमन गैली । उहाँफे श्रमअनुसार तलब नइपाके कोरोना महामारीके पहिल चरण सुरु हुइना आघे नेपाल लौटल चिन्तादेवी बटैली ।
वैदेशिक रोजगारमे जाके श्रमशोषनमे परल चिन्तादेवी एक ठो प्रतिनिधिपात्र केल हुइट । लम्की–चुहा नगरपालिका–३ बलचौरके ३६ बर्षिय गीतादेवी वादी ओ २५ बर्षिय विष्णादेवी वादीके समस्याफे कम नइहो । वैदेशिक रोजगारीमे रहिके ३ बर्ष कुवेत बैठके घर लौटल गीतादेवी वैदेशिक रोजगारीमे रहेबेर सहे नइसेक्ना पीडा खेपल दुखेसो पोख्ली ।
लम्कीचुहा–३ बलचौरस्थित वादी वस्ती
‘भारतिय डगर हुइटी श्रीलंकासे नेपाली चेलीमार्फत कुवेत पुगेबर उहाँक भाषा ओ रितिसंस्कृति नइबुझके टमान पीर कष्ट भोगे परल, गीतादेवी बादी कहली, –‘एक ठो काम विगरेबेर दशलाट, दशबात खाइल ओ रोईसम नैपैनु, वैदेशिक रोजगारमे रहेबेर सकारे ४ बजेसे रातके १२ बजेसम मालिकसे तोकल मासिक ८० रुप्यामे काम करे परल ।’ ओभर टाइम करेबेरफे पैसा चाही कबु बढाके नइडेहल गुनासो उहाँ सुनैली ।
ओस्टेक घरेम कमुइया कोई मनै नइहुइलपाछे वैदेशिक रोजगारके लाग कुवेत पुगल विष्णाफे श्रमशोषणमे परके एक बर्षसे ढेर टिके नइेक्के विदेशसे भागके नेपाल आइल अपन नालीबेली सुनैठी । दैनिक आठ घण्टा काम करैना कहिके सहमति करैलेसेफे १५–१६ घण्टा ढेर समय काम कराइल ओ तलब चाही श्रमअनुसार नइडेके घर लौटल उहाँ बटैली । ‘गोसिया मुटुके रोगी रहिट । उहाँक नौ बर्ष पहिले मृत्यू हुसेकल बा,’ विष्णा कहली –‘घरेम १२ बर्षिय छावा ओ १० बर्षिय छाई केल हुइल ओरसे कमुइया मनै नइहुके वैदेशिक रोजगारके लाग विदेश जाईबेर ठगवा पैनु ।, भारतके डगर हुके वैदेशिक रोगजारमे जैना महिला शारीरिक अशक्त, विदेशसे बच्चा बोक्के लौटुइया, गर्भवती अवस्था ओ मानसिक विक्षिप्त अवस्थामे लौटे लागल एयरपोर्टमे भेटल विष्णा अनुभव सुनैली ।
लम्की–चुहा नगरपालिका–३ बलचौरके स्थानीय तथा वडा सदस्य पार्वती देवी वादी बलचौरके वादी समुदायके प्रायजैसिन महिला वैदेशिक रोजगारके लाग दलल मार्फत भारतिय डगरके प्रयोग कैना ओ उहेसे दलालके चंगुलमे परके खाडी मुलुक पुग्न करल बटैठी । वडा सदस्य पार्वतीके अनुसार बलचौरके १५ जाने वादी समुदायके महिला चालु आर्थिक वर्ष २०७८/०७९ मे वैदेशिक रोजगारीके लाग खाडीमुलकमे गैल बटै । कलेसे ८ जानेक भिसाके म्याद ओराके उहाँसे लौटे नइपाइल बटैली ।
सुदूरपश्चिम वादी उत्थान समाजके सचिव नन्दराम वादी कहठै, –‘घरेलु कामदारके लाग वैदेशिक रोजगारमे जैना महिलाके लाग सरकार फ्रि भिसा, फ्रि टिकट कहले बा, उहेमारे ओइने ढेर गैल बटै ।’ अभिनसम बल्चौरके १ जाने वादी महिला केल कम्पनीमे काम कैना कहिके श्रमस्वीकृति लेके कतार गैल उहाँ बटैठै । ‘वादी समुदाय मगन्ते समुदाय हो । हमारठेन ओटरा आयस्रोत नइहो,’सचिव नन्दराम कहलै,–‘कम्पनीमे काम कैना कहिके पुरुष वैदेशिक रोजगारमे जाईबेर १ डेढ लाख रुप्या लागठ । ओटरा आयस्रोत नइहुके महिला भारतिय डगर हुइटी वैदेशिक रोजगारक लाग विदेश पुग्ठै ।’
वैदेशिक रोजगारसे लौटल महिलाहे समाजसे हेर्ना नजरिया फरक
कैलालीके घोडाघोडी नगरपालिका वडा नम्बर ४ रामपुरके मनिषा चौधरी गोसियक पिटाई सहे नइसेकलपाछे घरेलु कामदारके रुपमे कुवेत जैना बाध्य हुइली । वैदेशिक रोजगारमे गैल बेला यहाँ गोसिया सौतेनी भित्रयाइल ओटरकेल नाही दुई बर्षपाछे विदेशसे लौटलपाछे अपनहे घरसे निकाला समेट करल दुःखेसो पोख्ली ।
‘वैदेशिक रोजगारमे रहेबेर तीन घण्टा केल सुटेमिले तलब भर बहुट न्यून रहे,’मनिषा कहली, –‘वैदेशिक रोजगारसे लौटेबर महिला बाट कटना करिट । विदेशमे रहेबेर यी परपुरुषसंग अनैतिक सम्बन्ध राखल हुइल कना जैसिन व्यवहार हुइल पैनु ।’ वैदेशिक रोजगारीमे कमाइल रुप्याले घर बनाके बैठलेसेफे तीन बच्चा पढैना समस्या रहल उहाँ बटैठी । विदेशसे पठाइल पैसाफे डलालसे खाडेहल मनिषा बटैठी ।
घोडाघोडी नगरपालिका न्यायिक समितिके संयोजक तथा नगर उप–प्रमुख प्रेमकुमारी थापा वैदेशिक रोजगारमे गैल महिलाहे विदेशसे स्वदेश लौटलपाछे समाजमे हेर्ना दृष्टिकोण गलत रहल कारण महिलामे हिनताबोध हुइटी रहल बटैठी । उप–प्रमुख थापा कहली, ‘प्राय महिला लैङिक हिंसामे परके, आर्थिक अभावमे विदेशमे जाके श्रमशोषणमे पर्ना, विदेशसे लौटेबेर यी का–का चिज करके आइल हुई कहिके समाजमे बाट कटठै ।’
केक्रे गोसिया वैदेशिक रोजगारमे गैल बा कलेसे फे महिला गाउँघरसे बाहेर जाईबेर परपुरुषसे बोले बेर यकर कुछ चक्कर बा की कना हेराई रहल उप प्रमुख थापा बटैठी । वैदेशिक रोजगारीमे ढेर महिला ठगुवा पाइल यैसिन समस्या लेके न्याययिक समितिमे अइना महिलाके संख्य न्यून बा ।
राहदानी बनुइयाके तथ्यांक
जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीसे आर्थिक बर्ष २०७६/०७७ मे राहदानी सिफारिस २ हजार ३ सय ८३ जाने लेले बटै । जेम्ने महिला ६१३ जाने ओ पुरुष १ हजार ७ सय ७० रहल जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीके नासु रामप्रसाद ज्ञवाली बटैलै । ओस्टेक करके चालु आर्थिक बर्ष २०७८/०७९ के कुवाँर १५ गते सम १ हजार ५८ जाने राहदानी सिफारिस बनाइल बटैलै । राहदानीके लाग सिफारिस लेहल मन्से प्राय वैदेशिक रोजगारमे जैना प्रयोजनके लाग राहदानी लेहल राहदानी फाँटके नासु ज्ञवाली बटैलै ।
श्रम कार्यालय धनगढी
जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीमे रहल सुरक्षित आप्रावसन सूचना तथा परामर्श केन्द्रके परामर्शकर्ता मीना डवरिया सन २०२० के जनवरीसे डिसेम्बरसम वैदेशिक रोजगारमे जाइक लाग लागि २ हजार १ सय २४ जाने फराम दर्ता करके परामर्श लेहल बटैली । जेम्ने महिलाके संख्या ५ सय ८० ओ पुरुषके संख्या १ हजार ५ सय ४४ रहल बा । उहाँके अनुसार सन २०२१ जनवरी से सेक्टेम्बरसम १ हजार ७ सय ९ जाने वैदेशिक रोजगारमे जाइक लाग फराम दर्ता करके परामर्श लेले बटै । ओम्ने महिलाके संख्या ५ सय ५५ जाने ओ पुरुष १ हजार १ सय ५४ जाने रहल बटै ।
सूचना केन्द्रमे प्राय हस वैदशिक रोजगारके लाग परामर्श लेहे आइल बटै, केन्द्रके परामर्शदाता मीना कहठी, –‘यहाँ वैदेशिक रोजगारमे जउइया विवरण उल्लेख रके वैदेशिक रोजगारीमे जइटी रहुइयाहे चाहना आवश्यक सूचना बारे जानकारी डेजाइठ ।’
सुरक्षित आप्रवासन सूचना तथा परामर्श केन्द्र धनगढीमे आर्थिक बर्ष २०७७/०७८ मे वैदेशिक रोजगारके क्रममे डलालसे ठगल, कम्पनीसे तोकल अनुसार पारिश्रमिक नइडेहल २६ ठो मुद्दा दर्ता हुइल रहे । जौन मन्से वैदेशिक रोजगारके क्रममे एक जाने महिला एक पुरुष करके २ जानेक मृत्यू हुइल मुद्दा दर्ता हुइल केन्द्र जनैले बा । २०७८ सालके कुवाँर १६ गतेसम सूचना केन्द्रमे ११ ठो मुद्दा दर्ता हुके दुई ठो मुद्दाके किनारा लाग सेकल ओ ९ ठो प्रक्रियामे रहल केन्द्रके परामर्शदाता मीना बटैली ।
वैदेशिक रोजगारके लाग श्रम स्वीकृति लेहुइयाके तथ्याङक
श्रम स्वीकृति लेके वैदशिक रोजगारमे जउइयाके तथ्याङक रख्टी आइल श्रम तथा रोजगार कार्यालय धनगढीके आर्थिक बर्ष २०७७÷०७८ मे ६ सय ९६ जाने श्रम स्वीकृति लेले बटै । श्रम तथा रोजगार कार्यालयके वैदेशिक श्रमस्वीकृति शाखाके सूचना अधिकारी जयदेव विष्टके अनुसार ११ जाने महिला ओ ६ सय ८५ जाने पुरुष श्रमस्वीकृति लेले बटै ।
चालु आर्थिक बर्ष २०७८/०७९ सालके साउन महिनामे ३९ जाने श्रम स्वीकृति लेहलमे महिला एक ओ पुरुष ३८ जाने, भदौ महिनामे ३८ जाने श्रम स्वीकृति लेहल मन्से ३७ जाने पुरुष ओ १ महिला रहल सूचना अधिकारी विष्ट बटैठै ।
ओस्टेक करके आ.व २०७६/०७७ सालमे ४० जाने महिला, २ हजार ३ सय २१ जाने पुरुष आ.व २०७५/०७६ मे १४ जाने महिला, १ हजार ५ सय १५ जाने पुरुष वैदेशिक रोजगारके लाग श्रमस्वीकृति लेहल विष्ट बटैठै ।
पहिले श्रम स्वीकृति हम्रे करी अब्बे का करडेहल बा कलेसे अनलाइन मार्फत यहाँ जेकर श्रम तथा रोजगार कार्यालयमे आइरिस हुसेकल बा कलेसे भिटर आइनइपरठ । बाहेर अनलाइन फारम भरुइयासे फारम भराके ओइनके मेसेजमे स्वीकृत हुइटी रहठ । उहे कारणफे फारम दर्ता करुइयाके संख्या विल्गाइठ, उहँ कहलै । कार्यालयभिटर आइलहुकनके तथ्याङक टे हम्रे रख्ली । मने बाहेर फारम भरुइयाके तथ्याङक हम्रहिन पत्ता नइहुइठ टबमारे उ घटल विल्गठ । मने श्रम स्वीकृति लेना यी कार्यालयमे आइरिस करे पर्ना अनिवार्य रहल सूचना अधिकारी विष्ट बटैठै ।
वैदेशिक रोजगार विभाग काठमाण्डौके तथ्याङक अनुसार आर्थिक बर्ष २०७७/०७८ मे ११ हजार ४ सय ५६ जाने महिला ओ १ लाख ५५ हजार २ सय ४२ जाने पुरुष करके १ लाख ६६ हजार ६ सय ९८ जाने वैदेशिक रोजगारमे रहल बटै । यम्ने सुदूरपश्चिमसे केल ८ हजार ३ सय २२ जाने वैदेशिक रोजगारमे गैल बटै । ओम्नेफे ३ सय २५ जाने महिला रहल बटै ।
अबैध तरिकासे वैदेशिक रोजगारीमे पठैना दलालहे मानव वेचविखनके मुद्दा लग्ना नेपालके कानूनमे उल्लेख हुइल माइती नेपाल धनगढीके प्रमुख शिवचरण चौधरी बटैठै । सुरक्षित आप्रवासन सूचना तथा परामर्श केन्द्र धनगढीमे आर्थिक बर्ष २०७७/०७८ मे वैदेशिक रोजगारके क्रममे डलालसे ठगुवा पाइल, कम्पनीसे तोकल अनुसार पारिश्रमिक नइडेहल २६ ठो मुद्दा दर्ता हुइल रहे ।
सुदूरपश्चि प्रदेश सामाजिक विकास मन्त्रालयके महाशाखा प्रमुख नरेन्दसिंह कार्की सिमानाका हुके भारत जैना ओ अइनाके तथ्याङक रख्न सुरु करलेसेफे प्रदेश मन्त्रालयमे वैदेशिक रोजगारमे गैल आइलहुकनके तथ्याङक नइरहल बटैठै ।